Table of Contents
- 1 सपोर्ट और रेजिस्टेंस – Support And Resistance Full Detail In Hindi
- 2 सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस क्या होते हैं ? – Support And Resistance Full Detail In Hindi
- 3 सपोर्ट(Support)
- 4 माइनर तथा मेजर सपोर्ट लेवल क्या होते हैं ?(Minor And Major Support Levels)
- 5 सपोर्ट ब्रेक डाउन (Support Break Down)
- 6 सपोर्ट का प्रयोग (Use Of Support)
- 7 सपोर्ट ब्रेक डाउन मे ट्रेड कब लें
- 8 रेजिस्टेंस(Resistance)
- 9 माइनर तथा मेजर रेजिस्टेंस लेवल ( Minor And Major Resistance Levels)
- 10 रेजिस्टेंस ब्रेक आउट (Resistance Break Down)
- 11 रेजिस्टेंस ब्रेक आउट पर ट्रेड कब ले
- 12 सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल के आधार पर ट्रेडिंग
- 13 FAQ
- 14 सपोर्ट और रेजिस्टेंस लाइन कैसे बनाते हैं?
- 15 ट्रेडिंग मैं सपोर्ट लेवल क्या होता है?
- 16 लेवल 1.5 सपोर्ट क्या है?
सपोर्ट और रेजिस्टेंस – Support And Resistance Full Detail In Hindi
दोस्तों अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करते हैं या ट्रेडिंग करते हैं तो आपको सपोर्ट और रजिस्टेंस का पता होना एनीबॉडी है। तो लिए Tradingsikhe.com के सात सपोर्ट और रेजिस्टेंस – Support And Resistance Full Detail In Hindi इस लेख में जानेंगे सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस क्या है। सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस कैसे करते हैं प्रैक्टिकल जान लेते हैं।
सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस क्या होते हैं ? – Support And Resistance Full Detail In Hindi
यदि एक बाद में कहां जाए तो जिस लेवल पर कंपनी का शेयर ज्यादा खरीदारी की जाती है इसी लेवल को सपोर्ट कहा जाता है। और कंपनी का शेर जिस लेवल पर ज्यादा बिकवाली की जाती है इसी लेवल को रेजिस्टेंस कहा जाता है। जो लोग शेयर मार्केट में ट्रेडिंग या इन्वेस्ट करते हैं इन लोग सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस के ऊपर ही ट्रेड प्लान करते है।
सपोर्ट(Support)
शेयर मार्केट में किसी कंपनी का सपोर्ट। जब खरीदी आप बिक्री के दौरान अपने आप सपोर्ट बन जाते हैं।
शेयर मार्केट में कोई शेर गिर रहा है तो कुछ ऐसे लेवल आते हैं मतलब कि जहां पर शेयर कम प्राइस में मिल रहा है इस लेवल पर बड़े-बड़े निवेशक इन्वेस्ट करते हैं।
और वहां से मार्केट ऊपर जाते हैं इस लेवल को डिमांड लेवल कहते हैं और सपोर्ट लेवल कहते हैं। शहर में अचानक खरीददारी से शहर में एक बार तेजी देखने को मिलता है उसे सपोर्ट लेवल के कारण।
और जब शेर का कीमत ऊपर चले जाते हैं तो बड़े लोग अपना प्रॉफिट बुक कर लेते हैं और वहां से शेयर फिर डाउनफॉल करते हैं तथा गिरावट आते हैं शहर में। और शेर इस लेवल पर आ जाते हैं जहां से शेयर को सपोर्ट मिला था।
माइनर तथा मेजर सपोर्ट लेवल क्या होते हैं ?(Minor And Major Support Levels)
जब कोई शेर एक ही लेवल से सपोर्ट लेकर ऊपर चले जाते हैं तो इस लेवल को माईनर सपोर्ट लेवल कहते हैं
और जब कोई शेर बार-बार एक ही सपोर्ट लेवल से ऊपर जाते हैं तो उसी को मेजर सपोर्ट लेवल कहते हैं।
जब कोई प्यार का माइनर सपोर्ट लेवल आसानी से ब्रेक हो जाते हैं और मेजर सपोर्ट लेवल आसानी से ब्रेक नहीं होते हैं यह स्ट्रांग सपोर्ट लेवल होते हैं।
सपोर्ट ब्रेक डाउन (Support Break Down)
कोई भी निवेश किया ट्रेड सपोर्ट लेवल पर ट्रेडिंग करते हैं अगर किसी कंपनी का शेयर सपोर्ट लेवल ब्रेक नहीं होते हैं तो यहां पर बड़े-बड़े निवेशक ज्यादा क्वांटिटी में शेरों में सेल कर देते हैं इसी के कारण से सपोर्ट ब्रेकडाउन हो जाते हैं और शेयर गिरने लगते हैं।
इसी को कहा जाता है सपोर्ट ब्रेकडाउन।
सपोर्ट का प्रयोग (Use Of Support)
आप और हम किसी भी सपोर्ट लेवल पर ट्रेड कर सकते हैं और मुनाफा कमा सकते हैं लेकिन इसमें आपको कुछ नॉलेज होना जरूरी है मां को किसी भी शेर का सपोर्ट ब्रेक होते हैं ब्रेक होने के बाद ही आपको ट्रेड नहीं लेना है।
इसके लिए सीसी शेर का सपोर्ट ब्रेक हुआ है उसे लेवल पर आपको ट्रेन लाइन ड्रॉ करना है और उसके बाद उसे ट्रेन लाइन पर जब मार्केट फ्री टेस्ट करने आएगा उसके बाद फिर मार्केट डाउन फुल करेगा जब भी आपको ट्रेड करना है।
सपोर्ट ब्रेक डाउन मे ट्रेड कब लें
अगर आपको सपोर्ट ब्रेकडाउन में ट्रेड करना है तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना है शेयर मार्केट में किसी शेर का अगर ब्रेकडाउन होते हैं तो डायरेक्टली आपको सपोर्ट का ब्रेकडाउन में ट्रेड नहीं करना है आपको हमेशा फुल बैक में ट्रेड करना है।
पूर्व का मतलब यह है कि जब किसी शहर का सपोर्ट गिरता है या टूटता है तो इस सपोर्ट में गिरने के बाद एक बार रिसेट करने आएगी मार्केट जब रिसेट करके फिर गिर डाउनफॉल करेगा जब आपको ट्रेड प्लेन करना है या ट्रेड करना है।
रेजिस्टेंस(Resistance)
शेयर मार्केट में किसी कंपनी का सपोर्ट टूटा रहता है। शेयर मार्केट में किसी भी शेर का रजिस्टर वह होता है जहां पर इन्वेस्टर या ट्रेड वीक वाली करते हैं इसी लेवल को रेजिस्टेंस कहते हैं।
जब किसी ट्रेड या निवेशक को लगती है देसी यार का वैल्यू बहुत ज्यादा बढ़ गया है या बुक पहले से ज्यादा हो गया है तो ट्रेड या निवेदक बड़े क्वांटिटी में शेर को सील कर देते हैं जहां पर सील कर करते हैं इस लेवल को रेजिस्टेंस कहते हैं। इसके बाद शेयर में डाउनफॉल आते हैं।
माइनर तथा मेजर रेजिस्टेंस लेवल ( Minor And Major Resistance Levels)
जब किसी शहर का रेजिस्टेंस एक ही बार ब्रेक आप होने के बाद शेयर ऊपर जाती है इसी को माइनर रेजिस्टेंस कहते हैं माइनर रेजिस्टेंस आसानी से ब्रेक हो जाते हैं।
शेयर मार्केट में जब किसी शेर का रेजिस्टेंस से बार-बार गिर जाती है यह रेजिस्टेंस स्ट्रांग होते हैं और यह रेजिस्टेंस को मेजर रेजिस्टेंस कहते हैं जहां से शेर का प्राइस बार-बार गिरते हैं
रेजिस्टेंस ब्रेक आउट (Resistance Break Down)
अगर किसी बड़े निवेशक या ट्रेंड को शेर कार्ड रेजिस्टेंस पर वैल्यू गैर नजर आते हैं तो। तो शहर में एक बड़ी खरीददारी किया जाती है इसी के कारण शेयर में डिमांड आ जाते हैं।
और शेयर अपने रेजिस्टेंस को तोड़कर शेयर ऊपर चली जाती है। जैसे रजिस्टेंस का ब्रेक आउट हो जाती है। बुक आर्डर के बाद शेयर में तेजी आती है और निवेशक अपना प्रॉफिट बना लेती है।
ट्रेंड लाइन सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस (Trend Line Support And Resistance)
ट्रेडिंग का सबसे बेसिक और यह मार्केट का फाउंडेशन है और अगर आपने ट्रेन लाइन को ड्रॉ करना सीख लिया एक बार तो आप इस स्टॉक मार्केट का फाउंडेशन को बहुत इजीली समझ सकते हो।
और सारे चार्ट पेटर्न्स आपको बहुत इजीली फाइंड आउट हो जाएगा सो फ्रेंड्स अगर आपने ट्ट्रेंड लाइन को ड्रॉ करना एक बार सीख लिया तो आप 70% ट्रेडिंग समझ जाओगे तो आप लोगों को समझना बहुत इंपॉर्टेंट है कि हमें ट्रेलर को कैसे ड्रॉ करना होता है
रेजिस्टेंस ब्रेक आउट पर ट्रेड कब ले
अगर शेयर मार्केट में किसी भी शेर का रेजिस्टेंस ब्रेक आउट पर आपको ट्रेड करना है तो आपको सबसे पहले ट्रेडिंगव्यू का चार्ट खोलना है और रेजिस्टेंस को फाइंड आउट करना है अगर मार्केट रेजिस्टेंस को ब्रेक करता है।
तो एक बार प्राइस रेजिस्टेंस पर आएगा जिसको हम फूल में रहते हैं तो उसे फूल बाग में आपको ट्रेड करना है ना कि डायरेक्ट रजिस्टेंस का ब्रेक आउट में कभी भी ब्रेक आउट में ट्रेडिंग नहीं करना होता है जितने भी सक्सेसफुल ट्रेड होते हैं।
वह रजिस्टेंस का ब्रेक आउट पर ट्रेडिंग नहीं करते हैं और लोग हमेशा फूल बाग पर ट्रेडिंग करते हैं।
सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल के आधार पर ट्रेडिंग
जितने भी सक्सेसफुल ट्रेड होते हैं वह लोग ट्रेडिंग करने के लिए Candlestick Patterns का उपयोग करते हैं। किसी भी शेयर का अलग-अलग टाइम फ्रेम पर सपोर्ट या रेजिस्टेंस बनते हैं। थिएटर अपने ट्रेडिंग करने के लिए अलग-अलग प्रकार का चार्ट का इस्तेमाल करते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग: जहां लोग ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं या प्रोफेशनल थिएटर होते हैं वह लोग एक घंटा का टाइम फ्रेम पर सपोर्ट रेजिस्टेंस के ऊपर ट्रेड करते हैं
स्विंग ट्रेडिंग: जो प्रोफेशनल ट्रेड होते हैं वह लोग शोइंग ट्रेडिंग करते हैं अलग-अलग टाइम फ्रेम का हिसाब से तो ज्यादातर टाइम फ्रेम उसे होता (1 घंटा 4 घंटा 1 दीन) चार्ट को इस टाइम पर मैं एनालाइज करने के बाद सपोर्ट या रेजिस्टेंस पर ट्रेड फाइंड आउट हो जाने के बाद ट्रेडिंग करते हैं।
FAQ
सपोर्ट और रेजिस्टेंस लाइन कैसे बनाते हैं?
कोई भी शहर अगर हायर हो जाते हैं तो आपको ट्रेन लाइन के द्वारा ड्रॉ करना है हायर हाई जो सब रेजिस्टेंस है इससे अब ड्रा करने के बाद सपोर्टर रेजिस्टेंस को ड्रॉ कर सकते हैं
ट्रेडिंग मैं सपोर्ट लेवल क्या होता है?
शेयर मार्केट में कोई भी शेर अगर कंटिन्यू डाउनलोड आते हैं तो कुछ ऐसे बिंदु होते हैं जहां पर बड़े निवेशक बड़े क्वांटिटी में भाई करते हैं और जहां पर भाई करते हो वही लेवल सपोर्ट बन जाते हैं मतलब जहां से मार्केट एक नया ट्रेंड स्टाइलिश किया है।
लेवल 1.5 सपोर्ट क्या है?
जब शेयर किसी लेवल पर बार-बार अपने सपोर्ट पर आकर ऊपर चली जाती है तो उसे 1.5 सपोर्ट लेवल कहा जाता है। जब एक ही लेवल पर चार से पांच बार सपोर्ट लेती है।
मेरा नाम संजीव दास है। मैं एक निजी शिक्षण संस्थान में शिक्षक हूँ। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मैंने Tradingsikhe.com की शुरुआत की है। इसके माध्यम से मेरा उद्देश्य है शेयर बाजार और वित्त से जुड़ी जानकारी को सरल भाषा में आप तक पहुँचाना। मेरा मानना है की विना जानकारी के किसी भी क्षेत्र में विशेष तौर पर वित्तीय या शेयर बाजार में कदम रखना हानिकारक हो सकता है। 🤝